Blog

  • संसद की अतरंगी घटनाएं: बंदरों का हमला, नोटों की गड्डी उड़ी, अंडे और चप्पल-जूते चले

    संसद की अतरंगी घटनाएं: बंदरों का हमला, नोटों की गड्डी उड़ी, अंडे और चप्पल-जूते चले

    भारतीय संसद को आमतौर पर गंभीर चर्चा और महत्वपूर्ण फैसलों के लिए जाना जाता है, लेकिन इसके इतिहास में ऐसी कई अतरंगी घटनाएं भी हुई हैं, जो इसे रोचक और मजेदार बना देती हैं। आइए, इन घटनाओं पर नज़र डालते हैं, जो कभी हास्यास्पद तो कभी चौंकाने वाली रहीं:  

    1. मिर्च पाउडर का हमला (2018)  

    आंध्र प्रदेश के एक सांसद ने संसद में विरोध प्रदर्शन के दौरान मिर्च पाउडर फेंक दिया। उनका दावा था कि यह उनकी बात पर ध्यान खींचने का तरीका है। यह घटना संसद की सुरक्षा और मर्यादा पर सवाल खड़ा करने के साथ-साथ चर्चा का बड़ा विषय बन गई।  

    2. नोटों के बंडल संसद में (2008)

    वोटों की खरीद-फरोख्त के आरोपों को साबित करने के लिए सांसदों ने संसद के बीचों-बीच नोटों के बंडल लाकर रख दिए। पूरा सदन और मीडिया इस नजारे को देखकर हैरान रह गए। यह संसद की कार्यवाही में एक दुर्लभ और अनोखा पल था।  

    3. कागज़ के जहाज उड़ाना (2012)

    एक सत्र के दौरान जब सांसद बहस में रुचि नहीं दिखा रहे थे, तो उन्होंने विरोध जताने के लिए कागज़ के जहाज बनाकर उड़ाने शुरू कर दिए। यह दृश्य देखकर लग रहा था जैसे संसद का सत्र नहीं, किसी स्कूल की शरारती क्लास चल रही हो।  

    4. सांसदों की चप्पल गायब होना

    संसद परिसर में सांसदों की चप्पलें रहस्यमय तरीके से गायब हो गईं। जब मामले की जांच हुई, तो पता चला कि एक व्यक्ति उन्हें इकट्ठा करके बाजार में बेच रहा था। सांसद अपनी गायब चप्पलें ढूंढते हुए मजाक का पात्र बन गए।  

    5. अंडा और चप्पल फेंकना (1997)

    महंगाई और अन्य मुद्दों को लेकर गुस्से में एक सांसद ने संसद के अंदर अंडे और चप्पल फेंक दिए। यह देखकर अन्य सदस्य अपनी सीटों से हटकर “हमले” से बचने की कोशिश करने लगे।  

    6. प्याज और टमाटर की माला पहनकर विरोध

    महंगाई के मुद्दे पर चर्चा के लिए कुछ सांसद **प्याज और टमाटर की माला** पहनकर संसद पहुंचे। यह विरोध प्रदर्शन इतना अनोखा था कि मीडिया और अन्य सांसदों का ध्यान खींचने में पूरी तरह सफल रहा।  

    7. संसद में सोते हुए सांसद

    लंबे और थका देने वाले सत्रों के दौरान कई बार सांसदों को गहरी नींद में सोते हुए देखा गया। एक बार कैमरे ने जब उन्हें सोते हुए पकड़ा, तो उन्होंने कहा, “हम सोच-विचार कर रहे थे।” यह सफाई सुनकर पूरा सदन ठहाकों से गूंज उठा।  

    8. माइक खींचने की कोशिश

    1990 के दशक में बहस के दौरान गुस्से में एक सांसद ने माइक खींचने की कोशिश की। जब हाथों से खींचना मुश्किल हुआ, तो उन्होंने पैर से माइक खींचने की कोशिश शुरू कर दी। यह दृश्य संसद में हंसी का कारण बन गया।  

    9. हारमोनियम और ढोलक लेकर प्रदर्शन  

    1970 के दशक में एक सांसद विरोध के दौरान संसद में हारमोनियम और ढोलक लेकर आ गए। बहस के बीच जैसे ही ढोलक बजने लगी, संसद का माहौल किसी शादी या मेले जैसा बन गया।  

    10. पक्षी का घोंसला बनाना  

    2012 में, बहस के दौरान सांसदों ने देखा कि छत पर एक पक्षी ने घोंसला बना लिया है। पक्षी की बार-बार उड़ान ने सांसदों का ध्यान बहस से हटाकर घोंसले की ओर खींच लिया।  

    11. थाली बजाकर विरोध प्रदर्शन (1980)

    इंदिरा गांधी के कार्यकाल में पेट्रोल की बढ़ती कीमतों के विरोध में कुछ सांसद **थाली और चमचे** लेकर संसद पहुंचे। जोर-जोर से थाली बजाते हुए उन्होंने अपना विरोध जताया।  

    12. संसद में डांस जैसा प्रदर्शन  

    बहस के दौरान, एक सांसद ने अपनी बात रखने के लिए इतनी नाटकीय शारीरिक भाषा का इस्तेमाल किया कि वह डांस जैसा लगने लगा। पूरे सदन में हंसी का माहौल बन गया।  

    13. बंदरों का हमला  

    संसद भवन के बाहर एक बार बंदरों ने आतंक मचा दिया। सांसद और कर्मचारी बंदरों से बचने के लिए भागते दिखे। बंदरों को भगाने के लिए विशेष टीम बुलानी पड़ी।  

    14. सेल्फी विवाद (2015)

    एक युवा सांसद ने संसद के अंदर सेल्फी लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी। यह घटना “संसद की मर्यादा” पर बहस का मुद्दा बन गई।  

    15. खिचड़ी पर बहस (2017)  

    संसद में खिचड़ी को “राष्ट्रीय भोजन” घोषित करने पर बहस छिड़ी। सांसदों ने खिचड़ी के फायदे गिनाते हुए इसे “भारत का असली भोजन” बताया।  

    16. हंसते हुए संसद सत्र 

    2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष के तर्कों को मजाकिया ढंग से चुटकी लेते हुए कहा कि “इनकी हंसी से लगता है, जैसे कोई कॉमेडी शो चल रहा हो।” इसके बाद पूरे सदन में हंसी का माहौल छा गया।  

    भारतीय संसद न केवल पॉलिसी डीसीजन और चर्चाओं का केंद्र है, बल्कि ऐसी अतरंगी घटनाएं इसे और भी रोचक बनाती हैं। ये घटनाएं संसद की एक अलग तस्वीर पेश करती हैं, जिसमें गुस्सा, हंसी, और रचनात्मक विरोध के तरीके शामिल है। 

  • नरेंद्र मोदी की चंडीगढ़ वाली लव स्टोरी: पत्रकार ने किया खुलासा; 18 साल की उम्र में शादी फिर घर छोड़ा

    नरेंद्र मोदी की चंडीगढ़ वाली लव स्टोरी: पत्रकार ने किया खुलासा; 18 साल की उम्र में शादी फिर घर छोड़ा

    नरेंद्र मोदी—एक ऐसा नाम जो भारतीय राजनीति का पर्याय बन चुका है। प्रधानमंत्री के रूप में उनकी उपलब्धियों और नेतृत्व की खूब चर्चा होती है, लेकिन उनकी निजी जिंदगी के कई पहलू अभी भी रहस्य बने हुए हैं। उनकी शादी, रिश्ते और लव लाइफ के बारे में हमेशा सवाल उठे हैं, मगर मोदी खुद इन मुद्दों पर खामोश रहे हैं। इस लेख में हम उनकी जिंदगी के इस छिपे हुए हिस्से की गहराई से पड़ताल करेंगे।

    वडनगर से दिल्ली तक: एक बालक से नेता बनने की यात्रा

    गुजरात के वडनगर में 17 सितंबर 1950 को जन्मे नरेंद्र मोदी बचपन से ही साधारण जिंदगी जीते थे। वे अपने पिता की चाय की दुकान पर मदद करते थे। स्कूल के दिनों में उनका व्यवहार बेहद शांत और गंभीर था।  

    लेकिन उनकी जिंदगी में एक ऐसा मोड़ आया, जो उनके निजी और पेशेवर जीवन को अलग-अलग रास्तों पर ले गया। 

    शादी का रहस्य: जशोदाबेन और मोदी का बंधन  

    नरेंद्र मोदी की शादी उनकी किशोरावस्था में हुई थी। 18 साल की उम्र में, परिवार के दबाव में, उनकी शादी जशोदाबेन चिमनलाल मोदी से कर दी गई। यह एक पारंपरिक विवाह था, जैसा कि उस समय छोटे कस्बों में प्रचलित था।  

    लेकिन शादी के तुरंत बाद, नरेंद्र मोदी ने घर छोड़ दिया। जशोदाबेन के अनुसार, मोदी ने उन्हें बताया कि वे एक “उच्च उद्देश्य” के लिए अपनी जिंदगी समर्पित करना चाहते हैं।  

    क्या यह रिश्ता सिर्फ औपचारिकता था?

    2014 में जब मोदी ने लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन भरा, तब उन्होंने पहली बार सार्वजनिक रूप से जशोदाबेन का जिक्र किया। हालांकि, यह सिर्फ कानूनी दस्तावेजों तक सीमित था।  

    उनकी पत्नी जशोदाबेन ने बाद में मीडिया से कहा, “मैंने मोदी जी के फैसले को हमेशा समझा और स्वीकार किया। मैंने उनकी जिंदगी के उद्देश्य को देखा और उन्हें कभी रोकने की कोशिश नहीं की।”

    मोदी का राष्ट्रप्रेम: रिश्तों के ऊपर मिशन

    मोदी के समर्थक इसे “राष्ट्रसेवा के लिए त्याग” के रूप में देखते हैं, लेकिन आलोचक इसे “एक जिम्मेदारी से पलायन” का नाम देते हैं।  

    उन्होंने 1967 में घर छोड़कर हिमालय का रुख किया, जहां उन्होंने साधु-संतों के साथ आध्यात्मिक साधना की। इस समय के बारे में उनके करीबी लोग भी ज्यादा नहीं जानते। यह भी सवाल उठता है कि क्या यह साधना उनके निजी रिश्तों से बचने का तरीका था, या वाकई एक आत्मिक खोज थी?  

    क्या शादीशुदा जिंदगी राजनीति के लिए बाधा थी? 

    राजनीति के विशेषज्ञों का मानना है कि मोदी ने अपने राजनीतिक करियर को सुचारू रखने के लिए अपने निजी रिश्तों को पीछे छोड़ दिया। गुजरात के मुख्यमंत्री बनने के बाद भी, उन्होंने कभी अपनी पत्नी या व्यक्तिगत जीवन पर चर्चा नहीं की।  

    एक आलोचक का कहना है, “मोदी जी ने अपनी छवि को मजबूत और आत्मनिर्भर दिखाने के लिए अपने निजी जीवन को बलिदान किया।”  

    जशोदाबेन का जीवन: अनदेखा और अनसुना 

    शादी के बाद से जशोदाबेन ने एक शांत और साधारण जीवन जिया। वे एक सरकारी स्कूल में शिक्षिका के तौर पर कार्यरत थीं और अब रिटायर हो चुकी हैं। हालांकि, जशोदाबेन ने कभी नरेंद्र मोदी के खिलाफ कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की। वे उन्हें अब भी “अपने पति” मानती हैं और उनकी सफलता पर गर्व करती हैं। 

    लेकिन यह सवाल आज भी उठता है कि क्या उन्होंने अपने व्यक्तिगत रिश्तों को अनदेखा कर दिया? क्या जशोदाबेन के साथ उनका रिश्ता उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा के कारण खत्म हुआ, या यह एक सोचा-समझा फैसला था? 

    संगठन में रहते हुए चंडीगढ़ में हुआ प्यार 

    एक बड़े न्यूज संस्थान के इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्टर ने नाम न उजागर करने की शर्त पर पीएम मोदी की गर्लफ्रेंड का खुलासा किया था। यह जानकारी लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान पत्रकारों के एक साधारण चर्चा में सामने आया। रिपोर्टर ने बताया कि जब पीएम मोदी संघ में एक साधारण कार्यकर्ता थे, उस दौरान वे चंडीगढ़ में रहने वाली एक महिला से प्यार हो गया था। इस महिला के नाम का खुलासा पत्रकार ने नहीं किया। लेकिन ये बताया कि पीएम मोदी आज भी महिला के संपर्क में हैं। 

    नरेंद्र मोदी की निजी जिंदगी का यह पहलू हमें सोचने पर मजबूर करता है कि क्या उनके फैसले सिर्फ “राष्ट्रसेवा” के लिए थे, या उनकी निजी प्राथमिकताओं का हिस्सा थे।  

  • राहुल गांधी और उनकी गर्लफ्रेंड वेरोनिक की लव स्टोरी

    राहुल गांधी और उनकी गर्लफ्रेंड वेरोनिक की लव स्टोरी

    दोस्तों और करीबियों ने किया उजागर, अब तक शादी क्यों नहीं की

    राहुल गांधी का नाम सुनते ही कई लोगों के जेहन में एक गंभीर राजनेता की छवि उभरती है, लेकिन इस चेहरे के पीछे एक ऐसी कहानी छिपी है जिसे बहुत कम लोग जानते हैं। उनकी लव लाइफ, दोस्ती, और पर्सनल लाइफ का एक ऐसा पहलू है, जिसे जानने की ख्वाहिश हर किसी को होती है। क्या राहुल गांधी सिर्फ राजनीति के मंच पर ही चर्चित हैं, या उनके दिल की दुनिया भी उतनी ही रोमांचक है? चलिए, उनकी जिंदगी के इस अनछुए पहलू पर एक नजर डालते हैं।  

    कक्षा से संसद तक: राहुल गांधी की शुरुआत  

    राहुल गांधी ने अपनी उच्च शिक्षा हार्वर्ड और फिर कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में की। इन कॉलेजों में उन्होंने न केवल पढ़ाई की, बल्कि कई दोस्त भी बनाए। उनके करीबी दोस्त बताते हैं कि राहुल एक शांत, लेकिन करिश्माई छात्र थे।  

    राहुल की ‘लव स्टोरी’: सच्चाई या अफवाह?  

    राहुल गांधी की लव लाइफ को लेकर हमेशा चर्चाएं होती रहीं हैं। उनकी सबसे चर्चित कहानी कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में एक कोलंबियन लड़की वेरोनिका से जुड़ी है। कहा जाता है कि राहुल और वेरोनिका के बीच एक गहरा रिश्ता था।  

    हालांकि, वेरोनिका का नाम सिर्फ किताबों और मीडिया की खबरों तक ही सीमित रहा। राहुल ने इस रिश्ते पर कभी सार्वजनिक रूप से चर्चा नहीं की, लेकिन उनकी जिंदगी के करीबियों का कहना है कि यह रिश्ता उनकी जिंदगी का एक खूबसूरत अध्याय था।  

    शादी के सवाल पर राहुल का जवाब: “सही वक्त का इंतजार”  

    शादी के सवाल पर राहुल गांधी का जवाब हमेशा दिलचस्प रहा है। उन्होंने एक बार मजाकिया अंदाज में कहा था, “अगर मैंने शादी कर ली तो आपके लिए गॉसिप खत्म हो जाएगी!”

    उनका यह अंदाज उनके व्यक्तित्व की झलक देता है। वे जिंदगी को अपनी रफ्तार से जीने में यकीन रखते हैं। शायद यही वजह है कि आज भी उनकी शादी और पार्टनर को लेकर उत्सुकता बनी रहती है।  

    राहुल के दोस्त: उनकी जिंदगी के सच्चे साथी  

    राजनीति में भले ही राहुल को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा हो, लेकिन उनकी निजी जिंदगी में दोस्तों ने हमेशा उनका साथ दिया। उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा उनकी सबसे करीबी दोस्त मानी जाती हैं।  

    इसके अलावा, उनके कुछ विदेशी दोस्तों के बारे में भी खबरें आईं, लेकिन राहुल ने कभी इन रिश्तों को पब्लिक डोमेन में नहीं आने दिया।  

    लव स्टोरी या मीडिया की साजिश?  

    राहुल गांधी की लव स्टोरी को लेकर जितनी कहानियां गढ़ी गई हैं, उतनी ही उनकी सच्चाई पर सवाल उठे हैं। उनकी जिंदगी के इस हिस्से को लेकर जो रहस्य बना हुआ है, वह शायद उनकी पर्सनैलिटी का हिस्सा है।  

    क्या राहुल गांधी शादी करेंगे?  

    यह सवाल हर भारतीय के मन में है। राहुल ने एक बार कहा था, *”शादी और रिश्ते मेरे लिए बेहद पर्सनल हैं। जब सही समय आएगा, मैं इस पर फैसला लूंगा।”* उनकी यह सोच उन्हें भारतीय राजनीति के सबसे रहस्यमयी बैचलर्स में से एक बनाती है।  

    राहुल गांधी की लव लाइफ और पर्सनल लाइफ उनकी पब्लिक लाइफ जितनी ही आकर्षक है। वे एक ऐसे इंसान हैं जो रिश्तों को समझदारी और सादगी से निभाने में विश्वास करते हैं। उनकी कहानी पूरी होने का इंतजार हर किसी को है।